लेखपालों ने पकड़ी आंदोलन की राह
विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर से सिद्धार्थनगर जनपद के लेखपालों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। डुमरियागंज तहसील के लेखपालों ने कार्य बहिष्कार करते हुए धरना दिया। इस दौरान उन्होंने 13सूत्रीय मांगे पूरी ना
होने के कारण शासन के खिलाफ नारे भी लगाए। लेखपाल संंघ डुमरियागंज के अध्यक्ष रमेश लाल श्रीवास्तव का कहना है कि एसीपी विसंगतियों के कारण लेखपालों को भी जारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 16 वर्ष की सेवा पर द्वितीय एसीपी के रूप में ग्रेड पे 4200 रुपये दिया जा रहा है जबकि 30 नवंबर 1994 के बाद नियुक्त लेखपालों को सामान सेवा पर ग्रेड पर केवल 2800 रुपये ही प्राप्त हो रहा है। वेतन ऊंचीकरण के बारे में लेखपालों का कहना था कि प्रारंभिक ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर 2800
रुपये किया जाना चाहिए। राजस्व निरीक्षक के पदों में वृद्धि व राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति तथा विभागीय परीक्षा के माध्यम से लेखपालों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। इसके अलावा वर्ष
1999-2000 की विज्ञप्ति के आधार पर लेखपाल रिक्तियों पर वर्ष 2001 में चयनित एवं वर्ष 2003-04 में प्रशिक्षित लेखपालों को प्रशासनिक विलंब के कारण 1 अप्रैल 2005 के बाद होने के आधार पर पुरानी पेंशन से वंचित रखा
गया है। लेखपालों का यह भी कहना था कि कृषि विभाग की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश राज्य की भांति उत्तर प्रदेश के लेखपालों को भी 18 रुपये प्रति खाता इंसेंटिव के रूप में प्रदान किया जाए।