राष्ट्रपति को पोस्टकार्ड लिखकर फांसी की मांग

 


 


राष्ट्रपति को पोस्टकार्ड लिखकर फांसी की मांग


 


बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान अपने जोरों पर है। सरकार बेटियों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। बावजूद इसके भी भारत में बेटियां खुद को असुरक्षित व भयभीत महसूस कर रही हैं। हैदराबाद की पशु चिकित्सक डॉ प्रियंका रेड्डी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या से पूरे देश में अपराधियों को फांसी देने की मांग उठ रही है। गौतम बुद्ध की पावन नगरी सिद्धार्थ नगर के भनवापुर में स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय की बालिकाओं ने भी आज अपनी बहन प्रियंका को श्रद्धांजलि देते हुए चारों आतातायियों को तत्काल फांसी देने के लिए देश के महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित पोस्टकार्ड लिखकर फांसी की मांग की है। दोनों विद्यालय की बच्चियां लड़कियों के महत्व व डॉ रेड्डी के अपराधियों को फांसी के मांग की।बेटियों ने अपने हाथ मे तख्ती लिए अपने अंदर व्याप्त भय और असुरक्षा को दूर करने की गुहार लगा रही है। अपने बहनों की अगुवाई करते हुए पूजा शर्मा ने देश के राष्ट्रपति से चारों दुष्कर्मियों को तत्काल फांसी के तख्ते पर लटकाने की मांग की। लक्ष्मी वर्मा ने सरकार से मांग किया कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के चारों दुष्कर्मियों को चौराहे पर खड़ा करके आमजन के बीच गोली मार दी जाय। लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि यदि दुष्कर्म के अपराधियों को आमजन के बीच सजा दी जाएगी तो निश्चय ही लोगों में ऐसा कुकर्म करने से डर कायम होगा और हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण रहेगी क्योंकि लड़कियां हैं तो कल है। विद्यालय की अध्यापिका अमरावती चौधरी ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता की बात की जाती है बावजूद इसके भी हमारे देश की बच्चियां सुरक्षित नहीं है। सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है इसके बाद भी बच्चियों को सुरक्षा का एहसास ही नहीं हो पाता। बहन डॉ प्रियंका के साथ हुआ हादसा निश्चय ही हमारी संस्कृति के लिए कलंक है। हैदराबाद जैसे हाईटेक सिटी में यदि बच्चियां सुरक्षित नहीं है तो हम भारत के देश गांव में बच्चियों  सुरक्षित होने की क्या उम्मीद करें। बहन प्रियंका के गुनाहगारों को फांसी देकर ही उसे श्रद्धांजलि दी जा सकती है। सरकार को ऐसे मामलों में तत्काल फांसी देने के प्रावधान का बिल संसद में पास करना चाहिए जिससे ऐसे कुकृत्य पर विराम लग सके और भारत की सांस्कृतिक विरासत संरक्षित रह सके। श्रद्धांजलि सभा और राष्ट्रपति को संबोधित पोस्टकार्ड लेखन में पूजा, संध्या, अनीता, मुस्कान, सोनम, रोली, सुंदरी, सावित्री, प्रिया, रागिनी, रोशनी, मनीषा, अंजू, सविता, सुविता, प्रीति, नंदिनी आदि ने हिस्सा लिया।