मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं, लेकिन सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज में यह सामूहिक विवाह एक नए अंदाज में हुआ। सामूहिक विवाह में शामिल 62 जोड़ों की बाकायदा बारात निकाली गई । कस्बे और तहसील को प्राइवेट शादियों की तरह सजाया गया और बैंड बाजे के साथ आतिशबाजी का भी इंतजाम किया गया। सामूहिक विवाह को ऐतिहासिक बनाने के सारे इंतजाम यहां देखने को मिले।गुब्बारों से सजी हुई सड़कों पर ढोल नगाड़ों के साथ गाड़ियों की लंबी कतार और भव्य बारात का यह नजारा शहर के किसी रईस की शादी का नहीं बल्कि डुमरियागंज तहसील में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक शादी समारोह का है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के इस कार्यक्रम में बारात की अगुवाई स्थानीय भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ,सिद्धार्थ नगर के जिलाधिकारी और एसपी कर रहे हैं। सामूहिक विवाह में शामिल 62 दूल्हों की यह बारात डुमरियागंज ब्लॉक से निकलकर एक किलोमीटर दूर तहसील परिसर में आई। जहां लड़की पक्ष की तरफ से डुमरियागंज के एसडीएम त्रिभुवन प्रसाद ने उनका जोरदार स्वागत किया और भव्य व्यवस्था के बीच शादी में आए जोड़ों का विवाह और निकाह कराया। खूबसूरत और ऐतिहासिक व्यवस्था से शादी में शामिल जोड़े बहुत खुश दिखे और इस इंतजाम के लिए शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया।सामूहिक विवाह के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बारे में स्थानीय विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस शादी समारोह में प्रदेश सरकार के अलावा स्थानीय वेवपरियों ने भी हिस्सा लिया है। इस भव्य आयोजन के पीछे उनका मकसद यह था कि लोग यहां शादी कराने में खुद को उपेक्षित ना महसूस करें । दूल्हा-दुल्हन को लगना चाहिए कि उनकी भव्य तरीके से शादी हुई और कमिश्नर से लेकर के सारे अधिकारी ने उनकी शादी में शिरकत की। वही हिन्दू युवा वाहिनी बस्ती के जिलाध्यक्ष अज्जु हिन्दुस्तनी ने वर बधू को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में गरीब परिवार के लोगों का कल्याण तो होता ही है। साथ ही सामाजिक समरसता भी बढ़ती है।
विधि विधान के साथ सामूहिक विवाह हुआ सम्पन्न